नई दिल्ली (GPNewsBihar Desk): भारत
की अर्थव्यवस्था ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी
ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा वित्त वर्ष में देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि
दर 7.5% तक पहुंच गई है। यह वृद्धि दर पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में अधिक है और
दर्शाती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत और स्थिर हो रही है।
आर्थिक विकास के प्रमुख कारण
इस वृद्धि के पीछे कई महत्वपूर्ण
कारक जिम्मेदार हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. मैन्युफैक्चरिंग और सेवा क्षेत्र
में तेजी –
भारत का मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर लगातार मजबूत हो रहा है। ‘मेक इन इंडिया’ जैसी सरकारी
पहलें और उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजनाएं इस क्षेत्र को बढ़ावा दे रही हैं।
सेवा क्षेत्र, विशेष रूप से आईटी, ई-कॉमर्स, और टूरिज्म, भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा
है।
2. निर्यात में उछाल – वैश्विक बाजार में भारत के
निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। फार्मास्युटिकल्स, टेक्सटाइल, और ऑटोमोबाइल सेक्टर
के निर्यात में तेज़ी आई है, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूती मिली है।
3. इंफ्रास्ट्रक्चर विकास – केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा
बुनियादी ढांचे में बड़े पैमाने पर निवेश किया गया है। राष्ट्रीय राजमार्गों, रेलवे,
और हवाई अड्डों के विस्तार से लॉजिस्टिक्स और व्यापार को बढ़ावा मिला है।
4. विदेशी निवेश में बढ़ोतरी – ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ सुधारों
के चलते भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आकर्षित हो रहा है। टेक्नोलॉजी और स्टार्टअप
सेक्टर में वैश्विक कंपनियां भारत में निवेश बढ़ा रही हैं।
5. डिजिटल अर्थव्यवस्था का विस्तार – यूपीआई, डिजिटल बैंकिंग, और
फिनटेक सेवाओं की लोकप्रियता से भारतीय अर्थव्यवस्था में लेन-देन अधिक पारदर्शी और
तेज़ हुए हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था को औपचारिकता मिली है।
चुनौतियां और संभावनाएं
हालांकि भारतीय अर्थव्यवस्था
तेजी से आगे बढ़ रही है, लेकिन कुछ चुनौतियां भी बनी हुई हैं:
- महंगाई
पर नियंत्रण
– खाद्य और ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण महंगाई दर पर दबाव बना हुआ है।
सरकार इस पर अंकुश लगाने के लिए उचित नीतियां बना रही है।
- बेरोजगारी
का मुद्दा
– उच्च आर्थिक विकास दर के बावजूद, युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसरों में अपेक्षित
तेजी नहीं आई है।
- वैश्विक
अनिश्चितताएं
– रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक मंदी जैसी अंतरराष्ट्रीय घटनाएं भारतीय व्यापार
को प्रभावित कर सकती हैं।
भविष्य की संभावनाएं
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है
कि आने वाले वर्षों में भारत की वृद्धि दर 8% तक पहुंच सकती है। यदि सरकार सही नीतियां
अपनाती है, तो भारत जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
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