पूर्णिया/नई दिल्ली/इस्लामाबाद: कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद
अल-थानी की हालिया भारत यात्रा ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है। इस दौरे के दौरान,
भारत और कतर ने अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में परिवर्तित किया, जिससे दोनों
देशों के बीच व्यापार और सहयोग में वृद्धि की उम्मीद है। इस घटनाक्रम ने पाकिस्तान
में चिंता उत्पन्न की है, जहां राजनीतिक विश्लेषक कमर चीमा ने अरब देशों के साथ पाकिस्तान
के घटते प्रभाव पर सवाल उठाए हैं।
भारत-कतर संबंधों में नई ऊंचाई
शेख तमीम बिन हमद अल-थानी की
भारत यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए स्वयं एयरपोर्ट
पर उनका स्वागत किया। इस गर्मजोशी भरे स्वागत के पश्चात, दोनों देशों ने व्यापार, ऊर्जा
और डिजिटल भुगतान जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए। कतर ने
भारत में 10 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश की घोषणा की है, साथ ही 2030 तक द्विपक्षीय
व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके अतिरिक्त, भारत का डिजिटल
भुगतान प्रणाली कतर में लागू की जाएगी, जिससे दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग में
वृद्धि होगी।
पाकिस्तान में बढ़ती चिंता
इन घटनाओं के परिप्रेक्ष्य में,
पाकिस्तान के राजनीतिक विश्लेषक कमर चीमा ने अपने एक वीडियो में चिंता व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि कतर और भारत के बीच बढ़ते संबंध पाकिस्तान के लिए चिंताजनक हैं। चीमा
ने पाकिस्तान की सरकार से सवाल किया कि क्यों उनका देश अरब देशों में अपनी अहमियत खो
रहा है, जबकि भारत उनके साथ मजबूत संबंध स्थापित कर रहा है। उन्होंने यह भी उल्लेख
किया कि पाकिस्तान को अरब देशों के साथ अपने संबंधों को पुनः स्थापित करने के लिए गंभीर
प्रयास करने की आवश्यकता है।
अरब देशों के साथ पाकिस्तान के
संबंधों में गिरावट
कमर चीमा ने अपने विश्लेषण में
बताया कि पाकिस्तान ने अपने अच्छे-खासे रिश्तों को स्वयं ही बर्बाद किया है, क्योंकि
वह हमेशा अरब देशों से कुछ न कुछ मांगता रहा है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को यह समझना
होगा कि केवल समान धर्म के आधार पर संबंध मजबूत नहीं हो सकते; आर्थिक और व्यावसायिक
हित भी महत्वपूर्ण हैं। चीमा ने यह भी कहा कि आज की दुनिया में देश केवल आर्थिक लाभ
और बाजार की क्षमता को देखते हैं, और भारत ने इस क्षेत्र में अपनी मजबूत स्थिति स्थापित
की है।
भविष्य की दिशा
कमर चीमा ने सुझाव दिया कि पाकिस्तान
को अरब देशों के साथ अपने संबंधों को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। उन्होंने
कहा कि पाकिस्तान को अरब देशों को यह दिखाना होगा कि उसके पास भी कुछ मूल्यवान है,
जिससे वे पाकिस्तान की ओर आकर्षित हों। इसके लिए, पाकिस्तान को अपनी आर्थिक नीतियों
में सुधार करना होगा और अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी सकारात्मक छवि बनानी होगी।
कुल मिलाकर, कतर और भारत के बीच
बढ़ती नजदीकी ने पाकिस्तान में आत्ममंथन की स्थिति उत्पन्न की है। यह समय है कि पाकिस्तान
अपनी विदेश नीति और आर्थिक रणनीतियों पर पुनर्विचार करे ताकि वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय
में अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को पुनः प्राप्त कर सके।
(डॉ. गौतम पाण्डेय रिपोर्ट)
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