पूर्णिया, डॉ. गौतम पाण्डेय रिपोर्ट: पिछले दिनों यानि 6 जनवरी को जन सुराज पार्टी के संयोजक श्री प्रशांत किशोर के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर आज जन सुराज पार्टी ने पूर्णिया में एक प्रेस मीटिंग बुलाई। मीटिंग की अध्यक्षता पूर्णिया जिला सचिव श्री कृष्ण मोहन कुमार ने किया। इस मीटिंग का मुख्य उद्देश्य पत्रकारों के मार्फ़त जनता तक ये सन्देश पहुंचना था कि किस प्रकार बिहार सरकार और बिहार पुलिस BPSC छात्र-छात्रों के साथ व्यव्हार कर रही है। साथ ही किस प्रकार परीक्षार्थियों के द्वारा बुलाए जाने पर पीके ने उनका साथ दिया और आमरण अनशन पर बैठे थे। 5 दिनों के बाद पुलिस उन्हें बलपूर्वक उठाकर ले गई थी।  उनके और प्रोटेस्ट में शामिल कुछ परीक्षार्थिओं के साथ दुर्व्यवहार भी किया गया था। हालाँकि, पीके को जमानत उसी दिन मिल गई थी परन्तु, उनकी तबियत बिगड़ जाने के कारण उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया जहाँ उनका इलाज चल रहा है।

 

प्रेस को सम्बोधित करते हुए श्री कृष्ण मोहन कुमार ने बताया "पार्टी के नेता के साथ जो कार्रवाई हुई है उसकी पार्टी घोर निंदा करती है। उन्हें धरना स्थल से बल पूर्वक उठाया गया। लोकतंत्र में शांतिपूर्ण तरीके से सरकार या किसी का भी विरोध करना देश के हर नागरिक का मौलिक अधिकार है। अगर कोई गाँधी जी की मूर्ति के नीचे बैठकर सत्याग्रह कर रहा है तो इस में क्या गुनाह है? सरकार को इसका जवाब देना चाहिए "।

 

ज्ञात हो कि 29 दिसम्बर को सरकारी अधिकारियों ने छात्रों के प्रतिनिधिमंडल को बिहार के मुख्य सचिव से मिलवाने का वादा किया था जिसका खुलासा प्रशांत किशोर जी ने मीडिया के सामने भी किया था। श्री प्रशांत जी के धरना स्थल से चले जाने के बाद पुलिस ने कर्यरतापूर्ण कार्रवाई करते हुए छात्रों पर लाठियां बरसाई और पानी की बौछार किया था। इस से आहात होकर प्रशांत किशोर ने सचिव से मुलाकात की और अपनी बातों को रखा। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने एलान किया था कि अगर सरकार 2 दिनों के अंदर छात्रों के मांगों पर विचार नहीं करती है तो वह 2 जनवरी से गाँधी मैदान में गाँधी जी की मूर्ति के नीचे सत्याग्रह करेंगे। हुआ भी ऐसा ही, सरकार ने कोई सुध नहीं ली और अंततः प्रशांत किशोर जी 2 जनवरी को आमरण अनशन पर बैठ गए थे।

 

प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रशांत किशोर को हिरासत में लेने के बाद पुलिस लगभग 5 घंटे तक पहले उन्हें एम्बुलेंस में और फिर किसी दूसरे वाहन में पटना और उसके आसपास के इलाकों में घुमाती रही। फिर पुलिस उन्हें अदालत ले कर गई जहाँ से उन्हें पहले सशर्त जमानत मिली थी जिसे प्रशांत जी ने लेने से इंकार कर दिया तो अदालत ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में बेउर जेल भेज दिया। आपको बता दें कि प्रशांत जी ने ये कहा था कि वो जेल में भी तब तक अनशन पर रहेंगे जब तक कि छात्रों को न्याय नहीं मिल जाता। जेल पहुंचने के कुछ ही देर बाद उन्हें बिना शर्त जमानत दे दी गई थी।

 

कई दिनों से सिर्फ थोड़ा पानी पीकर अनशन करने की वजह से उनके पेट में इन्फेक्शन हो गया था तो तत्काल उन्हें 7 जनवरी को मेदांता हॉस्पिटल पहुंचाया गया। जहां उनका इलाज चल रहा है। इलाज के दौरान भी वो अनशन पर ही हैं और किसी भी प्रकार की दवाई भी लेने से इंकार कर दिया है।

 

श्री कृष्ण मोहन कुमार ने कहा "छात्रों और प्रशांत किशोर जी के साथ पुलिस और सरकार ने जो कायरतापूर्ण कार्य किया है उसकी जन सुराज पार्टी घोर निंदा करती है और सरकार से मांग करती है कि छात्र सत्याग्रह समिति की सभी मांगों को मान कर अविलम्ब छात्र हित में निर्णय लें अन्यथा आंदोलन और तेज किया जायेगा"।  

 

इस से पहले जन सुराज पार्टी के पूर्णिया कार्यालय प्रभारी श्री अमरनाथ उपाध्याय ने थाना चौक स्थित रूद्र मंदिर में जाकर पूजा अर्चना और हवन किया और भगवान् से प्रशांत किशोर जी के जल्दी स्वस्थ होने की कामना की।

 

प्रशांत जी को हजारों छात्रों और उनके परिजनों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। BPSC छात्र और उनके अभिभावक भी प्रशांत जी के जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं। 

 

इस प्रेस मीटिंग को सम्बोधित करने में जिला अध्यक्ष श्री बंटी यादव के अलावे महिला अध्यक्षा श्रीमती प्रतिभा सिंह, पुर्णिया जिला सचिव श्री कृष्णमोहन कुमार और कार्यालय प्रभारी श्री अमरनाथ उपाध्याय के अलावे अन्य गणमान्य शामिल थे।