पूर्णिया: सर्दियों के मौसम में कोहरा और धुंध न केवल सड़कों पर वाहनों की रफ्तार को धीमा कर देते हैं, बल्कि सड़क हादसों की संभावना को भी बढ़ा देते हैं। दृश्यता में कमी के कारण वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उनकी एक छोटी सी लापरवाही कई लोगों की जान को खतरे में डाल सकती है। हाल के दिनों में घने कोहरे और धुंध के कारण सड़क हादसों में तेज़ी आई है, और इसी को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतने और एहतियाती कदम उठाने की योजना बनाई है।

 

कोहरे के कारण बढ़ते सड़क हादसे

आमतौर पर दिसंबर के अंत से सर्दियों के दौरान कोहरे की स्थिति बनी रहती है। सुबह और देर रात के समय दृश्यता बेहद कम हो जाती है, जिससे सड़क हादसों की आशंका बढ़ जाती है। बीते दिनों कोहरे के चलते जिले में सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से घायल होने और मौतों की संख्या में वृद्धि देखी गई है। जिला प्रशासन ने इन हादसों पर अंकुश लगाने के लिए जिले के कई स्थानों को "दुर्घटना ज़ोन" के रूप में चिन्हित किया है और संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।

 

दुर्घटना संभावित क्षेत्रों का चिन्हीकरण

जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार ने हाल ही में सड़क सुरक्षा पर हुई एक बैठक में विभिन्न जोखिम वाले स्थानों की पहचान की। जिला परिवहन पदाधिकारी शंकर शरण ओमी ने बताया कि हरदा बाजार और इसके आगे नहर के पास सड़क की कम चौड़ाई के कारण हादसों की संभावना अधिक है। इसी प्रकार, डगरुआ क्षेत्र में सड़क निर्माण के कारण बने डायवर्जन पर दिशा-सूचक संकेतक की कमी और बायसी महानंदा पुल के बाद सड़क का सिंगल होना भी दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है।

 

अन्य जोखिम वाले क्षेत्रों में कसबा एनएच मिलन स्थल, जलालगढ़ फ्लाईओवर, मरंगा जीरो माइल, नेवालाल चौक, और आस्था मंदिर के आसपास के इलाके शामिल हैं। इन स्थानों पर जिला प्रशासन ने रेडियम रिफ्लेक्टर, रंबल स्ट्रिप और स्पीड ब्रेकर लगाने जैसे उपाय किए हैं। इसके अतिरिक्त, एनएचएआई, आरडब्ल्यूडी, और आरसीडी विभागों को वाहनों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है।

 

वाहन चालकों के लिए दिशा-निर्देश

जिला प्रशासन ने वाहन चालकों से सतर्कता बरतने की अपील की है। विशेष रूप से गांव की सड़कों और मुख्य सड़कों के मिलन बिंदुओं पर विशेष सावधानी बरतने को कहा गया है। कोहरे और धुंध के दौरान वाहनों के आगे और पीछे की बत्तियां चालू रखने, रेडियम पट्टी लगाने और लाल रिफ्लेक्टर का उपयोग सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है ताकि दोनों दिशाओं से आ रहे वाहनों का दूर से पता चल सके।

 

राष्ट्रीय राजमार्गों और अन्य सड़कों पर बाइक और ट्रैक्टर चालकों को विशेष एहतियात बरतने, गति नियंत्रित रखने और सड़क नियमों का पालन करने की सलाह दी गई है। यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए यातायात पुलिस को भी महत्वपूर्ण भूमिका सौंपी गई है।

 

सुरक्षित यात्रा के लिए सामूहिक प्रयास

जिला प्रशासन का यह कदम सर्दियों के दौरान सड़क हादसों को रोकने और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। आम जनता की सहभागिता और वाहन चालकों की सतर्कता से इन प्रयासों को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। कोहरे और धुंध के इस मौसम में सुरक्षित यात्रा के लिए प्रशासन और जनता दोनों का सहयोग आवश्यक है।

 

चित्र साभार: गूगल