मुंबई: बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन के करियर में मील का पत्थर साबित हुई फिल्म ‘जंजीर’ (1973) को लेकर हाल ही में एक दिलचस्प विवाद सामने आया। फिल्म के लेखक जावेद अख्तर के एक पुराने इंटरव्यू के बाद अभिनेता धर्मेंद्र और उनके बीच सोशल मीडिया पर जुबानी जंग छिड़ गई। जावेद अख्तर ने इंटरव्यू में बताया था कि ‘जंजीर’ के लिए पहली पसंद धर्मेंद्र थे, लेकिन उन्होंने फिल्म को ठुकरा दिया था। इसी बात पर धर्मेंद्र ने अपनी नाराजगी जाहिर की।

दरअसल, जावेद अख्तर ने एक इंटरव्यू में ‘जंजीर’ के बनने की कहानी साझा करते हुए बताया था कि यह स्क्रिप्ट मूल रूप से धर्मेंद्र के लिए लिखी गई थी। फिल्म के निर्देशक प्रकाश मेहरा के पास स्क्रिप्ट तो थी, लेकिन शुरुआती दौर में किसी भी बड़े अभिनेता ने इसमें दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। जावेद ने यह भी कहा कि उस समय के कई बड़े सुपरस्टार इस फिल्म में एक गंभीर और कड़वाहट भरे नायक का किरदार निभाने से हिचक रहे थे, क्योंकि फिल्म में कोई रोमांटिक पहलू नहीं था। अभिनेताओं को डर था कि इस तरह का रोल उनकी रोमांटिक हीरो की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है।

जावेद के इस बयान के बाद धर्मेंद्र ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने जावेद अख्तर के बयान के लिंक को साझा करते हुए लिखा, “जावेद, कैसे हो? दिखावे की इस दुनिया में हकीकत दबी रह जाती है। जीते रहो। दिलों को गुदगुदाना खूब आता है। काश! सर चढ़ के बोलने का जादू भी सीख लिया होता।” धर्मेंद्र ने अपने निराले अंदाज में जावेद अख्तर पर कटाक्ष करते हुए अपनी असहमति जताई।

गौरतलब है कि ‘जंजीर’ वह फिल्म थी जिसने अमिताभ बच्चन को रातोंरात सुपरस्टार बना दिया था। सलीम-जावेद की दमदार कहानी और अमिताभ बच्चन की एंग्री यंग मैन वाली छवि ने दर्शकों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी थी। फिल्म में अमिताभ बच्चन के अलावा जया बच्चन, प्राण, बिंदु, ओमप्रकाश, इफ्तिकार और केश्तो मुखर्जी जैसे कलाकारों ने भी महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई थीं। साल 1973 में रिलीज हुई ‘जंजीर’ बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी और इसने अमिताभ बच्चन को हिंदी सिनेमा का एक प्रतिष्ठित चेहरा बना दिया।

जावेद अख्तर ने अपने इंटरव्यू में यह भी स्पष्ट किया था कि ‘जंजीर’ में मुख्य नायक का किरदार पूरे फिल्म में एक गंभीर और नकारात्मक रवैये वाला था, जिसके कारण कई अभिनेताओं ने इसे निभाने में संकोच किया था। उन्हें डर था कि इस तरह का किरदार उनकी रोमांटिक हीरो की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है। इसी वजह से कई बड़े सितारों के इनकार के बाद आखिरकार यह फिल्म अमिताभ बच्चन को मिली और इसने उनके करियर को एक नई दिशा दी।

धर्मेंद्र का यह पलटवार सोशल मीडिया पर खूब चर्चा बटोर रहा है। उनके प्रशंसक और फिल्म इंडस्ट्री के लोग इस पर अपनी-अपनी राय व्यक्त कर रहे हैं। यह घटना एक बार फिर उस दौर की याद दिलाती है जब फिल्मों की स्क्रिप्ट अभिनेताओं के पास जाती थी और विभिन्न कारणों से उन्हें अस्वीकार भी किया जाता था, जिसके बाद वह किसी और कलाकार के करियर के लिए महत्वपूर्ण साबित होती थी। ‘जंजीर’ इसका एक बेहतरीन उदाहरण है, जिसने न केवल अमिताभ बच्चन को सुपरस्टार बनाया बल्कि हिंदी सिनेमा के इतिहास में भी अपना एक खास स्थान दर्ज कराया।