नई दिल्ली (हि.स.): दिल्ली विधानसभा
चुनाव में इस बार सभी
सियासी दल पूर्वांचल
मूल के मतदाताओं
को लुभाने के
लिए तरह-तरह के वादे
कर रहे हैं।
इसी कड़ी में
शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी ने
ऐलान किया कि सत्ता में
आने पर वह महाकुंभ की तर्ज पर दिल्ली
में छठ महापर्व
का आयोजन कराएगी।
यमुना तट पर भोजपुरी कोकिला शारदा
सिन्हा के नाम पर घाट
का नाम रखा जाएगा।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस
कमेटी कार्यालय राजीव
भवन में एक संवाददाता सम्मेलन में
राज्यसभा सांसद और
बिहार प्रदेश कांग्रेस
कमेटी के अध्यक्ष
अखिलेश प्रसाद सिंह
ने कहा कि पूर्वांचली भाई-बहन दिल्ली के
निर्माता हैं। दिल्ली
के निर्माण में
उनका बहुत बड़ा
योगदान है, लेकिन
भाजपा और आआपा के सत्ताधारी
दलों ने उनको सिर्फ़ वोट
के नज़रिए से
देखा। उन्होंने कहा
कि जब सत्ता
की भूख मिटानी
होती है तो पूर्वांचल याद आता है। इसके
विपरीत कोरोना महामारी
में हमारे पूर्वांचली
लोगों को दर-दर की
ठोकरें खाने से लेकर छठ
पर्व के दौरान
आस्था की डुबकी
तक हमारे भावनाओं
को आआपा और भाजपा ने
ठेस पहुंचाई। उन्होंने
कहा कि आस्था
के पर्व छठ पर हम
मां यमुना में
डुबकी लगा रहे थे तब
यमुना का पानी दुनिया में
सर्वाधिक गंदा था
और उसमें पूजा-अर्चना पर
रोक लगा दी गई। 29 अक्टूबर
2021 को अधिसूचना जारी
कर के छठ पूजा पर
रोक लगाई थी,
जिसे चुनौती दी
गई थी। उस पर हाई
कोर्ट ने कहा कि रोक
जारी रहेगी क्योंकि
पानी इतना गंदा
है कि लोग बीमार पड़
जाएंगे ।
उन्होंने कहा कि
दिल्ली में 1797 कच्ची
कालोनियां हैं, जिसमें
ज़्यादातर पूर्वांचल से दिल्ली
में आए लोग रहते हैं।
वो इतनी बदहाली
की अवस्था में
रहते हैं कि बारिश का
पानी घरों में
घुस जाता हैं,
गर्मी में पीने
का पानी नहीं
मिल पाता है।
उनके लिए रोज़गार
के कोई अवसर
नहीं हैं।
अखिलेश प्रसाद सिंह
ने आरोप लगाया
कि एक तरफ़ भाजपा अध्यक्ष
जेपी नड्डा ने
संसद में हमारे
पूर्वांचली भाइयों की
रोहिंग्या, बांग्लादेशियों और घुसपैठियों
से तुलना की
तो दूसरी तरफ़
केजरीवाल कहते है
कि पूर्वांचलियों के
फर्जी वोट जुड़वा
रहे हैं, क्या
पूर्वांचल के लोग
फर्जी दिखाई देते
हैं। जो लड़ाई ये वोट
के लिए लड़ रहे हैं,
क्या कभी वो उनके अधिकारों
की लड़ाई लड़ी
? उन्होंने कहा कि
हम आज संकल्प
लेते हैं कि महाकुंभ की तर्ज़ पर छठ
महापर्व मनाया जायेगा
जो छठ का विश्व का
सबसे बड़ा आयोजन
होगा एक बहुत बड़ा स्थान
यमुना किनारे निर्धारित
कर के उसे ज़िला घोषित
किया जाएगा, जिसे
शारदा सिन्हा घाट
के नाम से घोषित किया
जाएगा।
कांग्रेस ने सत्ता में आने पर महाकुंभ की तर्ज पर दिल्ली में छठ महापर्व कराने का किया वादा

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