नई दिल्ली: भारत में मौसम में लगातार बदलाव देखने को मिल रहे हैं, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में ठंड और बारिश का असर बढ़ सकता है। मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 11 और 12 जनवरी को एक नए पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में मिश्रित घटनाएं हो सकती हैं। यह विक्षोभ पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी लेकर आएगा। इसके प्रभाव से उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों और मध्य भारत में भी मौसम का मिजाज बदल सकता है।

 

मौसम विभाग के अनुसार, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में 11 जनवरी को गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। यह बारिश 11 और 12 जनवरी को उत्तराखंड तक फैल सकती है। राजस्थान में 11 जनवरी को अलग-अलग स्थानों पर ओलावृष्टि हो सकती है, जबकि दक्षिण हरियाणा और राजस्थान में भी ऐसी स्थिति बन सकती है। इन क्षेत्रों में ठंड में भी वृद्धि हो सकती है और इस मौसम की वजह से लोगों को ठंड का अनुभव बढ़ सकता है।

 

दक्षिण भारत में भी मौसम में बदलाव की संभावना है। IMD ने दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और उत्तरी तमिलनाडु के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन की पहचान की है। इसके प्रभाव से 11 और 12 जनवरी को तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। इसके साथ ही, गरज और बिजली गिरने की संभावना भी बनी हुई है। दक्षिण भारत के अन्य हिस्सों में भी बारिश के आसार हैं, जिससे इन क्षेत्रों में मौसम में गड़बड़ी हो सकती है।

 

पूर्वोत्तर भारत में भी मौसम में बदलाव देखा जा सकता है। 13 जनवरी को पूर्वोत्तर राज्यों में गरज और बिजली के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना जताई गई है, जो इस समयावधि में पूरे देश में मौसम की गड़बड़ी के व्यापक प्रभाव का संकेत देती है।

अगले 24 घंटों का मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी हो सकती है। उत्तर और पूर्वी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर मध्य प्रदेश और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है। अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, तटीय तमिलनाडु और दक्षिणी तटीय आंध्र प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा, आंतरिक तमिलनाडु, केरल और लक्षद्वीप में हल्की बारिश का अनुमान है।

 

यह मौसम का बदलाव देशभर में ठंड और बारिश की स्थिति को बढ़ा सकता है और लोगों को मौसम की परिस्थितियों के अनुसार अपनी योजना बनाने की आवश्यकता होगी।