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प्रयागराज: महाकुंभ क्षेत्र के सेक्टर 20 में स्थित वैष्णव के तीनों अखाड़ों
में शनिवार को धर्म—ध्वजा स्थापित होने के बाद निर्वाणी अनी अखाड़े के महासचिव व अयोध्या
हनुमान गढ़ी के महंत राजू दास महाराज ने मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि
सपा सांसद डिम्पल यादव महिला हैं हम उन पर कोई टिप्पणी नहीं कर सकते है। लेकिन यह जरूर
कहेंगे वह स्वयं को देंखे। सपा सरकार में बार बालाओं का डांस होता था। अखिलेश यादव
का परिवार सदैव सनातन धर्म व देश की संस्कृति पर कुठाराघात करता रहा है।
उन्होंने कहा कि बाबा भीमराव अंबेडकर ने संविधान में सभी को अधिकार दिया है और सनातन
धर्म के संरक्षण का अधिकार दिया है। हम संभल हो, काशी हो मथुरा में जिसकी मांग हम कर
रहें है वह हमारा संवैधानिक अधिकार है। हमारे देश में जातिवाद, भेदभाव नहीं था। हमारी
संस्कृति एवं धार्मिक स्थलों को भारत में आने वाले आतिताइयों, मुगल आक्रमण कारियों
ने नष्ट किया है और उसे नष्ट करके मस्जिदों का निर्माण कराया है। देश में जातिवाद व
भेदभाव पैदा किया है।
आज मोदी व योगी के नेतृत्व में दिव्य, भव्य, सुन्दर, स्वच्छ और सुरक्षित कुंभ का आयोजन
हो रहा है। अखिलेश यादव को राम मंदिर का निमंत्रण दिया गया था, लेकिन वहां जाने के
बजाय उन्होंने कहा कि मंदिर खाना व रोजगार नहीं देता है। उनका पूरा परिवार सदैव सनातन
संस्कृति पर कुठारा घात किया है।
अखिलेश यादव कह रहें है कि मुस्लिम धर्म में किसी दूसरे धर्म के लोगों का हस्तक्षेप
गलत है वहां नहीं जाना चाहिए। उन्होंने सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन कर्ता आजम खां
को नियुक्त किया था, क्या उनकी पार्टी में और कोई मंत्री बनने लायक नहीं था। गौ मांस
का सेवन करने वाला हमारी संस्कृति को कैसे संरक्षित करेगा। उन्होंने आजम खा को मंत्री
बनाकर क्या संदेश दिया था। क्या अखिलेश यादव गलती से यह सवाल करेंगे कि मस्जिद में
क्या होता है, इसकी आवश्यकता नहीं है। ऐसा वह सवाल नहीं कर सकते है। वह मंदिर पर ही
सवाल कर सकते हैं। हम वैष्णव हैं, हम सदैव सीता राम की माला जपते रहे, हमने जवाब देने
का मन नहीं बनाया, हम सदैव विश्व कल्याण की कामना करते रहे। सर्वधर्म , सभी के कल्याण
के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। लेकिन अब समय बदल चुका है। अब सनातन के रक्षक हनुमान
की गदा उठानी पड़ेगी। देश के नौ राज्यों में सनातनी अल्पसंख्यक हैं। यदि समय पर नहीं
चेते तो सनातनी डायनासोर की तरह समाप्त हो जाएंगे।
बांग्लादेश में आरक्षण को लेकर ऐसा हुआ कि वहां अचानक हिन्दुओं के साथ अत्याचार बढ़
गया,अभी हाल ही में वहां तीन सौ ईसाइयों का घर जला दिया गया। बांग्लादेश के संबंध में
प्रधानमंत्री से मांग करता हूं कि इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में
उठाएं। यह अन्य रोका जाय।
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सौजन्य:
(हि.स.)
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