मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर में शिक्षा के क्षेत्र में धोखाधड़ी का एक बड़ा मामला सामने आया है। MBBS में प्रवेश दिलाने के नाम पर 37 लाख रुपये की ठगी करने वाले निशांत सिंह को झारखंड पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना ने न केवल शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर किया है, बल्कि अभिभावकों और छात्रों के सपनों के साथ खिलवाड़ करने की गंभीर समस्या को भी सामने लाया है।

 

घटना का विवरण

ठगी का यह मामला उस समय सामने आया जब रांची के जगन्नाथपुर थाने में पीड़ितों ने आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार, आरोपी निशांत सिंह ने MBBS में एडमिशन दिलाने का झांसा देकर 37 लाख रुपये ठग लिए। पीड़ितों ने बताया कि आरोपी ने फर्जी दस्तावेजों और नकली ऑफर लेटर का सहारा लेकर उन्हें भरोसे में लिया।

निशांत सिंह ने दावा किया था कि उसके पास देश के शीर्ष मेडिकल कॉलेजों में सीट दिलाने के लिए “पावरफुल कनेक्शन” हैं। उसने एडमिशन प्रक्रिया को बेहद सरल और त्वरित तरीके से पूरा करने का वादा किया। आरोपी ने कुछ प्रारंभिक दस्तावेज मांगे और फीस के रूप में बड़ी रकम की मांग की। पीड़ितों ने बताया कि निशांत ने उनकी बातों का फायदा उठाते हुए उन्हें फर्जी कॉल लेटर और प्रवेश प्रक्रिया के नकली दस्तावेज दिए।

 

पुलिस की कार्रवाई

शिकायत दर्ज होने के बाद झारखंड पुलिस ने मामले की जांच शुरू की। आरोपी का पता लगाते हुए पुलिस ने उसे मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपी के पास से कई फर्जी दस्तावेज, नकली ऑफर लेटर, और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए।

 

पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। प्रारंभिक जांच में यह भी सामने आया कि निशांत सिंह लंबे समय से इस तरह की ठगी में लिप्त था और उसने कई अन्य लोगों को भी इसी प्रकार ठगा है। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस धोखाधड़ी में कोई और व्यक्ति या गिरोह शामिल है या नहीं।

 

पीड़ितों की कहानी

पीड़ित परिवार इस घटना से गहरे सदमे में हैं। उनका कहना है कि MBBS में प्रवेश दिलाने का सपना उनके बच्चों का था, और उन्होंने अपनी मेहनत की कमाई इस उम्मीद में दी थी कि उनके बच्चे डॉक्टर बन सकें। पीड़ितों का कहना है कि इस धोखाधड़ी ने न केवल उनके आर्थिक नुकसान किया है, बल्कि उनके बच्चों के भविष्य को भी प्रभावित किया है।

 

शिक्षा व्यवस्था पर सवाल

यह घटना शिक्षा प्रणाली में व्याप्त भ्रष्टाचार और प्रवेश प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े करती है। आज भी कई परिवार मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे प्रतिष्ठित पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के लिए एजेंटों का सहारा लेते हैं। इस प्रकार के एजेंट शिक्षा के नाम पर लोगों की भावनाओं और मेहनत की कमाई का फायदा उठाते हैं।

 

प्रशासनिक पहल

इस घटना के बाद प्रशासन और पुलिस ने अभिभावकों और छात्रों को सतर्क रहने की सलाह दी है। प्रशासन ने लोगों को चेतावनी दी है कि वे केवल आधिकारिक माध्यमों से ही प्रवेश प्रक्रिया पूरी करें और किसी भी प्रकार के एजेंट या बिचौलिए से सावधान रहें।

 

MBBS में प्रवेश के नाम पर 37 लाख रुपये की ठगी का यह मामला शिक्षा प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता लाने की आवश्यकता को रेखांकित करता है। इस घटना ने छात्रों और उनके परिवारों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है। पुलिस की कार्रवाई सराहनीय है, लेकिन ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक व्यापक और सख्त तंत्र विकसित करना आवश्यक है।