नई दिल्ली: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल
चौहान ने पहली बार एक इंटरव्यू में ऑपरेशन 'सिंदूर' के दौरान भारत के फाइटर जेट गिरने
की बात मानी है। हालांकि, उन्होंने संख्या को लेकर कोई खुलासा नहीं किया है, लेकिन
उन्होंने कहा कि यह अहम नहीं है कि जेट गिरे, उससे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि क्यों गिरे।
उन्होंने यह भी कहा कि विमानों ने दो दिन बाद फिर से उड़ान भरी और बिना किसी नुकसान
के पाकिस्तान के 300 किलोमीटर अंदर जैकबाबाद नूर खान एयरबेस और मुरीद जैसे ठिकानों
पर हमला किया।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान इस समय सिंगापुर में शांगरी-ला वार्ता के लिए
गए हैं। उन्होंने सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त डॉ. शिल्पक अंबुले और प्रतिनियुक्ति
पर आए भारतीय अधिकारियों के साथ बातचीत की। सीडीएस को भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय
संबंधों और आगामी वार्ता में भाग लेने वाले देशों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
वह दुनिया भर के रक्षा मंत्रियों, सैन्य प्रमुखों, नीति निर्माताओं और रणनीतिक विशेषज्ञों
के साथ साझा हितों के क्षेत्रों पर विचारों का आदान-प्रदान कर रहे हैं। इस दौरान सीडीएस
ने अपनी वार्ताओं के दौरान पहलगाम हमले और उसके बाद ऑपरेशन सिंदूर पर भारत के दृष्टिकोण
से दुनिया को अवगत कराया है।
सीडीएस जनरल चौहान ने यूरोपीय संघ में शांगरी-ला वार्ता से इतर सुरक्षा एवं रक्षा के
उप महासचिव चार्ल्स फ्राइज, फ्रांसीसी नौसेना के प्रमुख एडमिरल निकोलस वौजूर, ऑस्ट्रेलिया
के रक्षा बल प्रमुख एडमिरल डेविड जॉनस्टन, यूनाइटेड किंगडम के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ
एडमिरल सर टोनी राडाकिन, न्यूजीलैंड के रक्षा बल प्रमुख एयर मार्शल टोनी डेविस, जापान
के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल योशिदा योशिहिदे, यूएस इंडोपाकॉम के कमांडर एडमिरल सैमुअल जे
पापारो, ब्राजील सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ एडमिरल अगुईर फ़्रेयर, नीदरलैंड्स के
रक्षा प्रमुख जनरल ओन्नो ईशेल्सहेम के द्विपक्षीय वार्ताएं करके सैन्य आदान-प्रदान
कार्यक्रमों और दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर विचार-विमर्श किया।
चर्चा ऑपरेशन सिंदूर पर भी केंद्रित रही, जिसमें क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित
करने के लिए भारत की बढ़ती रणनीतिक साझेदारी को रेखांकित किया गया।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान ने सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग में भाग लेने के
दौरान शनिवार को एक टीवी चैनल से बात की। उन्होंने इंटरव्यू में पहलगाम हमले और उसके
बाद ऑपरेशन सिंदूर पर बात की। उन्होंने कहा कि संघर्ष के पहले दिन भारत को हवा में
शुरुआती नुकसान हुआ, लेकिन उन्होंने ब्यौरा देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि
महत्वपूर्ण बात यह है कि ये नुकसान क्यों हुए और उसके बाद हमने क्या किया। उन्होंने
कहा कि पहले दिन हवाई नुकसान झेलने के बाद हमने रणनीति बदल दी और तीन दिन बाद संघर्ष
विराम की घोषणा करने से पहले एक निर्णायक बढ़त हासिल कर ली।
उन्होंने कहा कि हमने अपनी रणनीति में सुधार किया और 7, 8 और 10 मई को बिना किसी नुकसान
के पाकिस्तान के 300 किलोमीटर अंदर जैकबाबाद नूरखान एयरबेस और मुरीद जैसे ठिकानों पर
हमला किया। उनकी सभी हवाई सुरक्षा को बिना किसी रोक-टोक के भेदते हुए सटीक हमले किए।
उन्होंने पाकिस्तान के इस दावे को 'बिल्कुल गलत' बताया कि उसने छह भारतीय युद्धक विमानों
को मार गिराया। हालांकि, उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि भारत ने कितने विमान
खो दिए।हिस
सीडीएस ने पहली बार माना- ऑपरेशन 'सिंदूर' में गिरे भारत के फाइटर जेट

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