अररिया: बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। इसी कड़ी में जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर द्वारा राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता मंगल पांडेय को लेकर दिए गए बयान पर बवाल मच गया है। प्रशांत किशोर के आरोपों के खिलाफ अब बिहार ब्राह्मण फेडरेशन खुलकर मंगल पांडेय के पक्ष में खड़ा हो गया है।

 

शनिवार को अररिया जिले के आश्रम चौक स्थित एक प्रेस वार्ता में ब्राह्मण फेडरेशन के जिलाध्यक्ष सुबोध मोहन ठाकुर ने प्रशांत किशोर पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि "मंगल पांडेय बिहार ब्राह्मण समाज के सिरमौर हैं और उन्होंने अपने कर्मों से राष्ट्रीय राजनीति में एक मजबूत पहचान बनाई है।" इस मौके पर भाजपा नेत्री सुष्मिता ठाकुर, रचना ठाकुर, नीरज ठाकुर, नीलम कुमारी और वर्षा कुमारी भी मौजूद थीं।

 

श्री ठाकुर ने कहा कि "प्रशांत किशोर पिछले 10 वर्षों से केवल मुख्यमंत्री बनने के सपने में जिला-दर-जिला भटक रहे हैं, जबकि मंगल पांडेय विगत 35 वर्षों से जनसेवा में सक्रिय हैं।" उन्होंने आरोप लगाया कि जिस समय प्रशांत किशोर बंगाल में हिन्दू विरोधी सरकार बनवाने और मोटी रकम कमाने में लगे थे, उस समय मंगल पांडेय अस्पतालों में जाकर बिहार की जनता की सेवा कर रहे थे।

 

क्या कहा था प्रशांत किशोर ने मंगल पांडेय के बारे में?

गौरतलब है कि शुक्रवार को सिवान में जन सुराज यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने मंगल पांडेय पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि "मंगल पांडेय ने स्वास्थ्य मंत्री रहते कोई काम नहीं किया है, और इस बार उनकी खुद की पार्टी भाजपा भी उन्हें साइडलाइन कर देगी।" उन्होंने यह भी कहा कि "मंगल पांडेय की हालत पार्टी में खराब है, उन पर शीर्ष नेतृत्व का दबाव है कि वे चुनाव लड़ें, जबकि वे अब तक कभी सीधे चुनाव नहीं लड़े हैं।"

 

प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि मंगल पांडेय जैसे नेता "रिकमेंडेशन से ऊपर आने वाले" हैं और बिहार में इस बार बदलाव तय है। उन्होंने दावा किया कि "चुनाव के बाद प्रदेश में निजाम बदल जाएगा और नया मुख्यमंत्री बनेगा।" सिवान प्रवास के दौरान उन्होंने हसनपुरा प्रखंड स्थित एक मजार पर चादरपोशी कर बिहार की बेहतरी के लिए दुआ मांगी, वहीं दारौंदा बाजार में समर्थकों ने उन्हें लड्डुओं से तौला।

 

प्रशांत किशोर ने भ्रष्टाचार पर भी सवाल उठाए और कहा कि "बिहार में नेता और अफसर राशन कार्ड से लेकर जमीन की रसीद तक बनवाने में रिश्वत ले रहे हैं।" उन्होंने लोगों से अपील की कि भ्रष्ट नेताओं से दूर रहकर 'जनता का राज' स्थापित करने में मदद करें।

 

ब्राह्मण फेडरेशन की प्रतिक्रिया से स्पष्ट है कि मंगल पांडेय को लेकर उठे सवालों ने भाजपा के परंपरागत सवर्ण वोटबैंक में हलचल मचा दी है। अब देखना होगा कि यह सियासी बयानबाज़ी आगामी चुनावी समीकरणों को किस हद तक प्रभावित करती है।